Nidhi Saxena

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वो चिट्ठी तार अब नही आते


बचपन के वो दिन अब लौट कर नहीं आते ।
क्योंकि अब किसी की चिट्ठी ,किसी के तार नही आते ।
अब तो निमंत्रण पत्र भी व्हाट्सएप पर आ जाते है ।
अब निमंत्रण देने रिश्तेदार भी घर नही आते ।

पहले मां को इंतजार रहता था बेटी की चिट्ठी का महीनो तक ।और सोचती शायद समय नही मिलता होगा गृहस्थी से ।
और अब मां बेटी के फोन बंद नहीं होते ।बेटी की सुसराल की एक एक बात से वाकिफ होती है मां
और अब बेटी के एक स्टेटस से भी घबरा जाती है मां।
पहले मां तरसती थी ना जाने बेटी कैसी होगी ससुराल में ।
और अब तो क्या बना है बेटी के घर , ये भी मां को सुबह शाम का पता होता है ।
टेक्नोलॉजी डिजिटल क्या हुई , अब तो जिंदगी ही डिजिटल हो गई ।
पहले लड़के लड़कियों को देखने एक दूसरे के घर जाते थे ।
और अब तो जान पहचान भी फोन पर होने लगी ।
और शादियां भी फोन पर ही होने लगी ।
। वो दिन लौट कर नहीं आते । अब घर में भाई दीदी को देखने वाले घर नही आते ।
अब वो दिन लौट कर नहीं आते ।
पहले छोटी छोटी बातो में दादी नानी से सलाह ली जाती थी।
और अब तो बात बात पर गूगल , और you tube खोले जाते है ।
अब दादी के नुस्खे , नानी की कहां सुनने बच्चे घर नही आते अब वो दिन लौट कर नहीं आते ।
पहले दसवीं का रिजल्ट अखबार में आता था , तो बच्चो के रोल नंबर रिश्तेदारों में बांट दिए जाते थे ।
और बच्चे यह सोच डर जाते की अब सबको पता चल जायेगा हम फेल हुए / पास ।
और अब यह मजा भी रिश्तेदारों को नही मिलता , क्योंकि रिजल्ट भी फोन में आ जाते है । तो किसी के फेल/ पास का पता नही चलता ।
अब वो रिजल्ट अखबार में नही आते ।
अब वो दिन लौट कर नहीं आते ।
पहले सरहद पर पहरा देता बेटा पैसे भी मनीऑर्डर करता था ।
अब तो वो भी सीधे अकाउंट में आ जाते है।
अब बचपन वाले दिन लौट कर नहीं आते ।
पहले कॉपी के पन्नो पर अपने हाल चाल लिख कर मौसी को लेटर लिख देते और उसे पोस्ट बॉक्स में डाल देते थे।
अब तो वो पोस्ट बॉक्स ही नजर नहीं आते ।
अब पहले वाले दिन लौट कर नहीं आते ।
पहले दो प्रेमियों के खत की अदला बदली होती थी ।
कहीं पता न चल जाए किसी को इस डर से खत भी छुपा छुपा कर रख दिए जाते थे ।
और अकेले में उन खतों को पढ़कर कभी शरमाते तो कभी चूम लिया करते थे ।
और अब तो ज़रा ज़रा बात पर नंबर ब्लॉक कर दिए जाते है ।
व्यस्त आए नंबर तो लड़ाई हो जाया करती है।
अब वो प्रेमी देखने को नहीं मिलते ,
अब वो खत चोरी चुपके पढ़ने को नही मिलते ।
अब वो दिन लौट कर नहीं आते ।
क्योंकि अब किसी की चिट्ठी किसी के तार नही आते ।
       नीर (निधि सक्सैना) ✍️


 

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4 Comments

Gunjan Kamal

05-Dec-2022 07:33 PM

शानदार प्रस्तुति 👌

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Sachin dev

01-Dec-2022 05:13 PM

Nice 👌

Reply

Mahendra Bhatt

01-Dec-2022 12:11 PM

👏👌🙏🏻

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